Exclusive- नैनीताल में सिमटता जा रहा है लकड़ियों के शोपीस का कारोबार

Exclusive- नैनीताल में सिमटता जा रहा है लकड़ियों के शोपीस का कारोबार

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रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- सरोवर नगरी नैनीताल ये शहर अपनी अद्भुत बनावट और नैसर्गिक सौन्दर्य के लिये तो विश्वभर में प्रसिद्ध है ही साथ ही कैंडिल्स,नमकीन और काष्ठकला के लिये भी प्रसिद्ध है उसके अलावा नैनीताल लकड़ी व ठीटों(चीड़ के पेड़ पर लगने वाला शंखनुमा फल) से बने शोपीसों के कारण भी एक अलग पहचान रखता है।
तकरीबन 3 दशक पहले स्वरोजगार की दिशा में पहल का नतीजा है ये कला।

लोकल फॉर वोकल के आज के स्लोगन को नैनीताल ने तब साकार करना शुरू कर दिया था ये यहाँ के हुनरमंद लोगों की कल्पना का वो साकार रूप है जो पर्यटकों को बहुत आकर्षित करता है लकड़ी से बने टेबल लैम्प,शोपीस,फूलदान,मूर्तियां व कैंडल स्टैण्ड पर्यटकों को खूब भाते है।

पहले नैनीताल में करीब 2 दर्जन लोग इस कारोबार से जुड़े थे आज जिनकी संख्या सिमटकर 6 हो गई है इसकी एक बहुत बड़ी वजह सरकारी उदासीनता है अगर सरकार इन कलाकारों व इनकी कला को प्रमोट करती तो आज ये कला स्वरोजगार की दिशा में क्रांति होती लेकिन आज महज 6 लोग नैनीताल की पहचान को जीवंत रखे हुवे है।

यदि सरकार इस ओर ध्यान दे और इस क्राफ्ट को बढ़ावा दे तो लकड़ियों से बने शोपीस के सिमटते कारोबार को न केवल फैलाया जा सकेगा बल्कि ये स्वरोजगार की दिशा में भी अपार संभावनाएं बनकर उभरेगा जरूरत है एक सार्थक पहल की।।।

उत्तराखंड