Exclusive- बदहाल आयुष,जन से छूटता आयुर्वेद

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रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- उत्तराखंड को आयुष प्रदेश भी कहा जाता है आज पूरी दुनिया जहाँ आयुर्वेद के पीछे भाग रही है वही आयुष प्रदेश में जनता से आयुर्वेद छूटता जा रहा है।
“चिराग तले अंधेरा” वाली कहावत यहाँ आयुष विंग पर सटीक बैठती है।
आज हम आपको बीड़ी पाण्डे जिला चिकित्सालय नैनीताल के आयुष विंग की हकीकत से रुबरु कराते है आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने और आयुर्वेद के प्रति लोगों के बड़ते रुझान को देखते हुवे 30 नवम्बर 2004 को यहाँ आयुर्वेदिक अस्पताल स्थापित हुआ कागजो में तो परिसर में पूरा स्टाफ है लेकिन वास्तव में यहाँ मात्र एक कक्ष सेवक और एक डॉक्टर ही मौजूद है जबकि 2 अन्य डॉक्टर Covid-19 में लगे है।

सबसे ज्यादा आश्चर्य आपको ये जानकर होगा कि अस्पताल में मात्र एक कमरा है डॉक्टर और कक्ष सेवक तो जैसे तैसे अपनी ड्यूटी करते है पर पंचकर्म सहायकों के लिये पर्याप्त जगह नही होने से उनकी पूरी यूनिट को हल्द्वानी शिफ्ट कर दिया और यहाँ की जनता को आयुर्वेद के नाम से ही संतोष करना पड़ा।

जब इस पूरे मामले को लेकर अपर सचिव आयुष आनंद स्वरुप से बात की गई तो हैरानी और बड़ गई मामला उनके संज्ञान में ही नही था हालांकि अब उन्होंने आश्वासन दिया है कि स्वास्थ्य विभाग से अस्पताल परिसर में जगह के लिये बात करेंगे जिससे यहाँ पंचकर्म यूनिट स्थापित हो और लोग आयुर्वेदिक चिकित्सा का लाभ उठा सके।।।।