अस्पतालों में पर्याप्त उपकरण- कर्मचारियों की भारी कमी?

अस्पतालों में पर्याप्त उपकरण- कर्मचारियों की भारी कमी?

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रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- राज्य में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों के बाद से सरकारी अस्पतालों में मेन पॉवर की भारी कमी महसूस होने लगी है।
अस्पतालों में पर्याप्त उपकरणों के बावजूद उनको संचालित करने में कई बार प्रबंधन को कर्मचारियों की कमी से दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है ऐसे में अब स्वास्थ्य महकमा नई कार्य योजना पर विचार कर रहा है इसके लिये बकायदा अस्पतालों में स्तिथ आईसीयू को बेहतर ढंग से संचालित करने के लिये एमबीबीएस डॉक्टरों को ट्रेनिंग देने पर सहमति बनी है और आने वाले 24 अप्रैल से हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में मंडल के प्रत्येक अस्पताल से 5-5 डॉक्टर्स को विशेषज्ञों द्वारा ट्रेंड किया जायेगा जो अपने अपने अस्पतालों में बने आईसीयू को संचालित कर सकें।
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चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण कुमाऊं मंडल की निदेशक डॉ शैलजा भट्ट के मुताबिक अस्पतालों में संसाधन पर्याप्त है मगर उनको संचालित करने वाले एक्सपर्ट की कमी को देखते हुवे ये विचार किया गया है कि लोगों को कोरोना काल में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिले इसके लिये एमबीबीएस डॉक्टर्स को आईसीयू की ट्रेनिंग दी जायेगी जो कि आपात स्थिति में मरीजों को आईसीयू की सुविधा से लाभान्वित कर सकें।
उत्तराखंड में शिक्षा व स्वास्थ्य सहित मूलभूत सुविधाओं को हमेशा से ही बुरा हाल रहा है राज्य बनने के करीब 20 साल बाद भी हम इस दिशा में ठोस कार्य योजना तैयार नही कर पाये जिससे कि आम आदमी को इसका लाभ मिल सके आज करीब 20 साल राज्य बने हो गये है मगर अभी भी कोई विशेष सुधार इनमें नजर नही आता।
कोरोना संक्रमण काल ने एक बार फिर से सरकारी दावों की पोल खोल कर रख दी है आज हमारे पास अस्पताल तो है मगर उनमें लगे उपकरणों को ऑपरेट करने के लिये एक्सपर्ट तक नही है इतना ही नही पहले से ही डॉक्टर्स की भी कमी झेल रहे अस्पतालों में स्टाफ नर्सेज,लैब टैक्नीशियन,वार्ड बॉय व वार्ड आया की भी भारी कमी है।
ऐसे में बड़ा सवाल ये कि आईसीयू तो बनेंगे मगर डॉक्टर कहा तक मिल पायेंगे?

उत्तराखंड