रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- सरोवर नगरी नैनीताल यहाँ कुल देवी के रूप में माँ नंदा-सुनंदा पूजी जाती है हर वर्ष माँ नंदा-सुनंदा यहाँ विराजमान होती है माता को यहाँ कन्या के रूप में पूजा जाता है और वैसे ही उनकी विदाई होती है हर्ष,उल्लास के साथ ही जब माता की विदाई होती है तो वो पल भावुक कर देने वाला होता है।
प्रत्येक वर्ष भादो मास की अष्टमी से माता का महोत्सव शुरू होता है इस वर्ष भी कल यानि अष्टमी को ब्रह्ममुहूर्त में माँ नंदा-सुनंदा की प्रतिमाएं स्थापित होंगी इसके लिये मूर्ति निर्माण का कार्य शुरू हो गया है।
पर्यावरण संरक्षण का संदेश देती माँ की प्रतिमाएं कदली वृक्ष से तैयार की जा रही है ज्यों ज्यों मूर्ति निर्माण का कार्य आगे बड़ रहा है ऐसा लग रहा है मानो विश्वस्वरूपा माता आकार लेने लगी हो ऐसा आकार जो हमारे मन में बस जाये।
तन्मयता से मूर्ति निर्माण में लगे भक्त आस्था में सरोबार है कल जब ब्रह्ममुहूर्त में भक्तों के दर्शनार्थ माता का डोला मंदिर में रखा जायेगा वो पल अकल्पनीय है।
पूरे एक वर्ष के इंतजार के बाद माँ अपने भक्तों को दर्शन देंगी और जो इस पल का भागी बना उसका जीवन सफल हो जायेगा और विश्वस्वरूपा माँ नंदा-सुनंदा सबका कल्याण करेंगी।।