रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल– राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के 6 अस्पतालों को कोविड़ अस्पताल के रुप मे स्थापित किये जाने व उनमें आईसीयू के साथ ही वेंटिलेटर की व्यवस्था किये जाने संबंधी मामले में दायर याचिका पर आज नैनीताल हाईकोर्ट में अहम सुनवाई हुई इस दौरान राज्य सरकार ने अपना पक्ष रखते हुवे कहा कि हाईकोर्ट द्वारा पूर्व में जारी किये गये आदेशो के क्रम में नैनीताल के बीड़ी पाण्डे जिला अस्पताल में आईसीयू की सुविधा को शुरु कर दिया गया है और बांकि बचे हुवे अन्य अस्पतालों में भी जल्द सरकार आईसीयू व वेंटिलेटर की सुविधा को शुरू कर देगी जिस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने जारी आदेशो में कहा कि आगामी 19 मई से पहले अन्य सभी अस्पतालों में आईसीयू की सुविधा को शुरु किया जाये तांकि कोरोना संकट काल मे लोगों को उपचार हेतु भटकना न पड़े और उनको उचित उपचार मिल सके।
इसके अलावा कोर्ट ने एम्स ऋषिकेश में दैनिक गतिविधियों के संचालन में आ रही तमाम दिक्कतों का भी संज्ञान लेते हुवे सरकार को निर्देश जारी कर कहा कि जिलाधिकारी देहरादून के माध्यम से एम्स ऋषिकेश की मूलभूत जरूरतों व प्रबंधन द्वारा की जाने वाली शिकायतों का त्वरित समाधान कराये तांकि एम्स के चिकित्सा कर्मियों को किसी भी तरह की कोई असुविधा ना हो और पूरे मामले की विस्तृत सुनवाई के लिये आगामी 19 मई की तिथि नियत की है।
आपको बता दें कि अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दायर कहा गया था कि सरकार ने राज्य के 6 जिला अस्पतालों को कोविड़ अस्पताल के तौर पर स्थापित किया है जिनमे अल्मोड़ा,बागेश्वर,चमोली, रुद्रप्रयाग,हरिद्वार व नैनीताल का बीड़ी पाण्डे अस्पताल शामिल है और इन सभी अस्पतालों में आईसीयू व वेंटिलेटर की कोई व्यवस्था नही की गई है जिस पर सुनवाई करते हुवे पूर्व में कोर्ट ने सरकार को अहम आदेश पारित कर सभी अस्पतालों में आईसीयू की सुविधा को शुरु करने के आदेश दिये थे जिस पर आज सरकार ने अपना पक्ष रखा और कहा बीड़ी पाण्डे अस्पताल में आईसीयू की सुविधा शुरु कर दी गई है और बांकि बचे अस्पतालों में भी ये व्यवस्था शुरु की जायेगी जिस पर कोर्ट ने सरकार को कहा कि वो 19 मई तक हर हाल में उक्त सभी अस्पतालों में आईसीयू की सुविधा शुरु कर कोर्ट को बताये।