उम्र को पछाड़ता जज्बा- “वोकल फॉर लोकल” को साकार करता हुनर

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रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- इनके हाथ इतनी तेजी से चलते हैं मानो मशीन कूची और रंगों के साथ जब इनका हुनर मिलता है तो कल्पनायें साकार हो उठती है जिस उम्र में लोग घरों में आराम करते है उस उम्र में इनका जज्बा इनकी उम्र को मात दे रहा है।


हम बात कर रहे है नैनीताल के आलूखेत निवासी विमला देवी की 65 वर्षीय विमला देवी के हाथों में जादू है बेकार पड़ी लकड़ी चीड़ के फूलों और ठीटों में जब इनका जादू चलता है तो सुंदर शोपीस बनकर तैयार होते है।

विमला देवी पिछले 40 वर्षों से शोपीस बनाने का काम कर रही है।
आसपास के जंगलों से चीड़ के फूल और लकड़ियों को लाकर विमला देवी अपनी रचनात्मकता से टेबल लैम्प, फ्लावर पॉट और तमाम तरह के सुन्दर शोपीस तैयार करती है यहाँ आने वाले सैलानी यादगार के रूप में इनको यहाँ से ले जाते है इनके द्वारा तैयार शोपीसों की कीमत 50 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक है।

विमला देवी इस काम से अपने परिवार का भरण पोषण तो कर ही रही है साथ ही प्रधानमंत्री के “वोकल फॉर लोकल” मिशन को भी साकार कर रही है।

विमला देवी उदाहरण है उन लोगों के लिये जो हर छोटी-छोटी बात के लिये सरकारों को कोसते है हुनर से कैसे रोजगार की राह खुलती है ये कोई विमला देवी से सीखे।