एक गांव ऐसा भी- जहाँ कोरोना नही,हरियाली का है डेरा

एक गांव ऐसा भी- जहाँ कोरोना नही,हरियाली का है डेरा

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रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- ऊंची-ऊंची चोटियां, चारों ओर हरियाली,आंख खुले तो तरोताजा हिमालय ऐसा लगे मानो नए दिन के स्वागत को तैयार ये किसी कवि की कल्पना नहीं बल्कि कल्पनाओं से भी सुन्दर नैनीताल का धानाचूली गांव है।
आज जहाँ चारों ओर कोरोना से त्राहि-त्राहि मची है वही ये गांव ऐसा है जहाँ कोरोना का डर नही बस हरियाली का डेरा है।
समुद्र तल से करीब 1900 मीटर की ऊंचाई पर बसा धानाचूली गांव अपनी नैसर्गिक सुंदरता से तो सबको आकर्षित करता ही है साथ ही ये क्षेत्र फल पट्टी के रुप में भी खासा पहचान रखता है यहाँ

आडू,पुलम,खुमानी,सेब, नाशपाती की प्रचुर पैदावार होती है।
आजकल यहाँ के बागान आडू, पुलम और खुमानी के फलों से लदे है।
इस गांव की सुंदरता ऐसी कि जो भी यहाँ आता है यहीं का होकर रह जाता है देश के कई नामचीन हस्तियों ने यहाँ आवास बना लिये हैं जो सुकुन की तलाश में हिमालय की गोद में आकर बस गये है।
आजकल भी नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार यहीं हैं इसके अलावा बीसीसीआई के अध्यक्ष विनोद राय,भारत सरकार के पूर्व सॉलिसिटर जनरल मुकुल रहतोगी,पूर्व रेल मंत्री पीयूष द्विवेदी जैसे नामचीन हस्तियों के आवास यहाँ हैं जो यहाँ आते रहते है और एक नयी ऊर्जा लेकर यहाँ से जाते हैं।

धनाचूली गांव एक समृद्ध गांव है जहाँ प्रकृति ने दिल खोलकर अपना खजाना लुटाया है कोरोना भी यहाँ की खुशहाली और हरियाली के आगे नतमस्तक हो गया।
सुबह से शाम तक मेहनत करते मस्त मौला किसान,दैनिक दिनचर्या में जुटी महिलायें,यहाँ रात सुकुन लेकर आती है तो दिन एक नई ताजगी के साथ शुरु होता है जहाँ कोरोना का भय है,ना शहर की भागमभाग।

उत्तराखंड