कोरोना ने रोकी पर्यटन की राह- नैनीताल सहित पूरे पहाड़ में सूना रहेगा नये साल का जश्न

कोरोना ने रोकी पर्यटन की राह- नैनीताल सहित पूरे पहाड़ में सूना रहेगा नये साल का जश्न

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रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- “कोरोना” की मार अब 2020 की विदाई और नये वर्ष के स्वागत पर भी पड़ रही है अन्य वर्षो में दिसंबर 20 तारीख के बाद नैनीताल सहित मुनस्यारी तक पूरे होटल व सराय पैक हो जाते थे लेकिन इस बार ये बुकिंग लगभग 10 प्रतिशत पर सिमट गई है अगर मोटा अनुमान लगायें तो करीब 90 प्रतिशत से ज्यादा पर्यटन को नुकसान हुआ है।

बात अगर नैनीताल की करें तो यहाँ भी पर्यटन कारोबार सूना पड़ा है जिस भव्यता से नये वर्ष का स्वागत होता था उसे शहर भी मिस करेगा कुल मिलाकर कोविड़ व किसान आंदोलन ने पर्यटन को काफी प्रभावित किया है इस समय दिल्ली,मुंबई,कलकत्ता व गुजरात सहित देश के अलग-अलग हिस्सों से पर्यटक पहाड़ो का रुख करते थे लेकिन इस बार इनकी संख्या ना के बराबर है जो पर्यटक आ भी रहे है वो आस पास के क्षेत्रों से ही आ रहे है।
इस वर्ष न तो डीजे की धुन पर थिरकन के साथ नये वर्ष का स्वागत होगा ना ही मॉल रोड पर संगीत की धुन सुनाई देगी कुल मिलाकर नये साल का जश्न सूना-सूना रहेगा।
नैनीताल होटल एसोसिएशन के सचिव वेद साह का कहना है कि कोरोना से ज्यादा भ्रांतियों ने पर्यटकों की राह रोकी है गलत प्रचार और नई नई भ्रांति फैलने से लोग असमंजस में है होटलों में जानकारी लेने के लिये बराबर सम्पर्क किया जा रहा है लेकिन बुकिंग बहुत कम है।
वही नॉर्दन इंडिया होटल एंड रेस्ट्रोरेंट एसोसिएशन के बोर्ड सदस्य प्रवीण शर्मा ने इसके लिये सरकार की अनदेखी को भी जिम्मेदार ठहराया है।
आपको बता दें कि 1998 के बाद पहाड़ों में न्यू ईयर जश्न मनाने का ट्रेंड शुरू हुआ उससे पहले न्यू ईयर का जश्न 5 सितारा तक सीमित था फिर धीरे-धीरे पहाड़ों में व्यवसाय बड़ाने को नये साल में पर्यटकों को आकर्षक पैकेज दिये जाने लगे पहाड़ की शांत आबोहवा व दिलकश प्राकृतिक सौंदर्य ने देश विदेश के पर्यटकों को इतना आकर्षित किया जिसने 5 स्टार की चकाचौध को कम किया और न्यू ईयर जश्न मनाने का ये ट्रेंड चल पड़ा जिसने यहाँ के पर्यटन को नई ऊंचाई दी पर इस वर्ष कोरोना ने नये साल की चमक को फीका कर दिया।

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