कोविड के चलते इस वर्ष भी नही हुआ विश्वविख्यात कैंची धाम में विशाल भंडारा- श्रद्धालुओं ने घर पर ही किया बाबा नीम करौली का पूजन

कोविड के चलते इस वर्ष भी नही हुआ विश्वविख्यात कैंची धाम में विशाल भंडारा- श्रद्धालुओं ने घर पर ही किया बाबा नीम करौली का पूजन

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रिपोर्ट- संतोष बोरा
नैनीताल- कोरोना महामारी के चलते बीते वर्ष की तरह इस वर्ष भी 15 जून को बाबा नीम करौली महाराज के धाम कैंची में विशाल भंडारे का आयोजन नही हो सका।
मंदिर में भक्तों के प्रवेश पर रोक के चलते सड़क मार्ग से ही लोग बाबा को नमन करते हुए दिखाई दिए ऐसा 57 सालों में दूसरी बार हुआ है कि कैंची धाम में विशाल भंडारे का आयोजन नही हो सका।जबकि हर वर्ष हजारों भक्त इस विशाल भंडारे में शामिल होकर बाबा का आशीर्वाद लेते थे और कैंची धाम भक्तों के जयकारों से गूंज उठता था।

मंदिर समिति के अध्यक्ष विनोद जोशी ने कहां की कोविड-19 के अनुसार मंदिर में भक्तों को प्रवेश नहीं दिया गया तथा सांकेतिक रूप से कैंची धाम में स्थापना दिवस मनाया गया वहीं बाबा से इस महामारी से छुटकारा दिलाने की प्रार्थना की गई ताकि अगले वर्ष धूमधाम से स्थापना दिवस मनाया जाए और देश-विदेश से भक्त बाबा के दर्शन व आशीर्वाद लेने के लिए कैंची धाम पहुंच सके।

बाबा नीम करौली को माना जाता है भगवान हनुमान का अवतार कहा जाता है कि बाबा नीम करौली भगवान हनुमान की उपासना करने के बाद अनेक चमत्कारिक सिद्धियां प्राप्त हुई थीं लोग उन्हें हनुमान जी का अवतार भी मानते हैं लेकिन बाबा बेहद साधारण तरीके से रहते थे और अपने पैर किसी को नहीं छूने देते थे। कहते हैं बाबा हमेशा ही राम नाम का स्मरण करते रहते थे। नीम करौली बाबा के देश विदेशों में कई आश्रम है इनमें से सबसे बड़ा आश्रम कैंची धाम और अमेरिका के न्यू मैक्सिको सिटी में स्थित टाउस आश्रम है।

चमत्कारी कथाओं से विख्यात है बाबा का धाम स्थानीय लोगों के अनुसार एक बार भंडारे के दौरान प्रसाद बनाते समय घी कम पड़ गया था तभी बाबा ने एक कनिस्तर में नीचे बहने वाली शिप्रा नदी से पानी मंगवाया और उस पानी को प्रसाद में डाला तो कनिस्टर का पानी घी में बदल गया। इसी प्रकार भक्तों का कहना है कि बाबा अपने भक्तों से अत्यधिक प्रेम करते थे। इसलिए एक बार बाबा ने भक्तों को तेज धूप से बचाने के लिए बादल की छतरी बना कर भक्तों को उनकी मंजिल तक पहुंचाया।
देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी है बाबा के भक्त
फेसबुक और एप्पल के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग व स्टीव जॉब्स को राह दिखाने वाले नीम करौली बाबा पश्चिमी देशों में भारत की विरासत का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनके आश्रम में न केवल देशवासियों को ही, बल्कि पूरी दुनिया को प्रसन्न और खुशहाल बनने का रास्ता मिलता है बाबा सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपने चमत्कारों की वजह से जाने जाते हैं। लोकप्रिय लेखक रिचर्ड अल्बर्ट ने “मिरेकल ऑफ लव” नाम से बाबा पर एक पुस्तक लिखी। इसी के साथ हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया राबर्ट्स, फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग, एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स सहित अन्य विदेशी हस्तियां बाबा के भक्त हैं।
नीम करौली बाबा हनुमान जी के बहुत बड़े भक्त थे उन्होंने अपने जीवनकाल में लगभग 108 हनुमान मन्दिर बनवाए थे। 1960 में जब एक लेखक ने बाबा पर पुस्तक लिखी तब बाबा को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली। बाबा ने अपनी समाधि के लिए वृंदावन की पावन भूमि को चुना था। 10 सितम्बर 1973 को बाबा की मृत्यु हो गई। उनकी याद में आश्रम में उनकी प्रतिमा स्थापित की गई है।
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57 साल में दूसरी बार भंडारे का आयोजन ना हो पाने पर भक्तों के विचार
भीमताल निवासी भक्त नितेश बिष्ट: वाकई यह दुख का विषय है, लेकिन वर्तमान परिपेक्ष्य में लोगो ने कोरोना महामारी को देखते हुए घरों से ही बाबा का आशीर्वाद प्राप्त किया उन्होंने बताया कि कैंची मेला नैनीताल जिले का भव्य आयोजन है, इसकी तैयारी माह मार्च से शुरू हो जाती है, वैश्विक महामारी कोरोना के समय में हम सभी को घर में रहकर ही महाराज जी से प्रार्थना करनी चाहिए,तथा बाबा से प्रार्थना करते है कि अगले वर्ष भक्त बाबा के दर्शन कर सके।
स्थानीय भक्त बीना बोहरा: हमारे घर से 12 किलो मीटर की दूरी पर कैंची धाम स्थित है हर वर्ष कैंची धाम में भव्य भंडारे का आयोजन होता था और हम उस आयोजन में शामिल होते थे लेकिन इस वर्ष
भी कोरोना महामारी की वजह से मेले का आयोजन नहीं हुआ और वो एक तरह से सही भी है, क्योंकि हजारों की तादात में बाबा के भक्त दर्शनों के लिए इस आयोजन का हिस्सा बनते हैं। तो इस वक्त जब सभी को सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखना है, तो इस परिस्थिति में हम सभी भक्तों को घर में रहकर ही बाबा से प्रार्थना करनी चाहिए कि पूरी दुनिया की इस महामारी से रक्षा करें और अपने सभी भक्तों पर अपनी कृपा दृष्टि और आशीर्वाद बनाए रखें।

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