खुलेआम उड़ाई जा रही है नियमों की धज्जियाँ- ईको सिस्टम से खिलवाड़,पालिका जिम्मेदार

खुलेआम उड़ाई जा रही है नियमों की धज्जियाँ- ईको सिस्टम से खिलवाड़,पालिका जिम्मेदार

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रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- “कृप्या झील में मछलियों को किसी भी प्रकार का खाद्यय पदार्थ डालना प्रतिबंधित है पकड़े जाने पर 500 रुपये तक का अर्थ दंड किया जायेगा'”


सरोवर नगरी नैनीताल में झील किनारे आपको इस तरह के बोर्ड नजर आ जायेंगे लेकिन आप घबराईयेगा नही अगर आपको मछिलयों को ब्रेड,दाना कुछ भी खिलाना हो आप आराम से खिलाइये फोटो खिंचवाइये और आपकी ईच्छा और प्रबल हो तो आप ब्रेड लेकर निकल जाईये झील की सैर पर और वोटिंग के साथ-साथ मछिलयों को ब्रेड खिलाकर आनंद लीजिए और नियमों को भी ठेंगा दिखाईये यहाँ आपको टोकने वाला कोई नही पालिका के ये साइन बोर्ड हाथी के दांत जैसे है

क्योंकि जब कोई पकड़ा ही नही जायेगा तो अर्थ दंड कैसा?
ये बात हम नही कह रहे झील के किनारे की तस्वीरें ये सारी हकीकत बयां कर रही है और पालिका आँखे मूंदकर बैठी है कई बार ये मुद्दा उठाये जाने के बाद भी कोई कार्यवाही नही की जाती नतीजा पर्यटक तो नियमों को ठेंगा दिखा ही रहे है साथ ही झील किनारे ब्रेड बेचने वाले भी नियमों को अपने स्वार्थ की भेंट चढ़ा रहे है।

आपको बता दें कि नैनीताल में मछलियों को झील के किनारे ईको सिस्टम को दुरुस्त करने के लिये डाला गया ताकि जलीय संतुलन बना रहे लेकिन जिस तरह से झील किनारे ब्रेड बेचने व मछिलयों को खिलाने का सिलसिला बड़ रहा है वो ईको सिस्टम को भी प्रभावित कर रहा है।

अगर पालिका ने अभी भी अपने कर्तव्यों का निर्वहन नही किया तो स्थिति भयावह हो जायेगी और नैनीताल से दुनियाभर में कुप्रचार भी होगा कि नैनीताल में कर्तव्य निर्वहन नही किया जाता बल्कि साइन बोर्ड लगाकर इतिश्री कर ली जाती है।

उत्तराखंड नैनीताल