जिंदगी को अपने ही अंदाज में बयां करती राधा खोलिया की कविता

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रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- “रहस्यमयी जिंदगी”
ये क्या रहस्यमयी जिंदगी
खुशी गमो की है नदी,
जो मिला वो खो गया
जो खो गया वह मिला नही।

ये क्या है रहस्यमयी जिंदगी……
दुखी दुखो में ही खो गया
सुखी को दुख का पता नही,
वास्तव में सुख है ही नही
वास्तविक सुख मिलता नही।
ये क्या रहस्यमयी जिंदगी……..
जो चला चलता रहा
रुकने का नाम नही,
रोके कोई रुकता नही
रुकना इसका काम नही।
ये क्या है रहस्यमयी जिंदगी…….