डा.मुनगली एशियाई फुटबॉल फेडरेशन टास्क फोर्स सदस्य बने- डा.मुनगली की नियुक्ति से क्षेत्र में खुशी की लहर

Spread the love

रिपोर्ट- रवींद्र पांडे रवि वरिष्ठ संवाददाता
नैनीताल- उत्तराखंड के शहर नैनीताल मूल के तथा वर्तमान में पुणे में रह रहे उद्योपति एवं सेवानिवृत्त कर्नल डॉ. गिरिजा शंकर मुनगली का चयन एशिया महाद्वीप में फुटबॉल की सबसे बड़ी संस्था ‘एशियाई फुटबॉल कंफेडरेशन’ में हो गया है। संस्था ने उन्हें अपनी सात सदस्यीय टास्क फोर्स का सदस्य मनोनीत किया है। अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल के क्षेत्र में यह एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। डॉ. मुनगली इससे पूर्व इंडियन फुटबॉल लीग में अनेक पदों पर रह चुके हैं। बता दें कि एशियाई फुटबॉल संघ में पूरे विश्व के 47 सदस्य देश हैं। इसका मुख्यालय मलेशिया में है, जबकि इसका पैतृक संगठन फीफा है। एशिया में होने वाले प्रमुख फुटबॉल मैचों का संचालन इसी संस्था के माध्यम से किए जाता है। डॉ मुनगली वर्तमान में ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन क्लब कमेटी के चेयरमैन हैं। भारत के सभी फुटबॉल संघों, फुटबॉल क्लबों समेत खेल प्रेमियों ने मुनगली की सफलता पर उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। उनकी पत्नी देव्यानी प्रतिष्ठित निजी स्कूल संचालित करते हैं, जबकि उनके पुत्र प्रणीत व अनुज विदेश नौकरी छोड़कर अपने पिता के साथ व्यवसाय में उनके सहयोगी हैं।

दिल में बसें कुमाऊंनी संस्कृति, या ऐबेर कारोबार करणी छू इच्छा
उत्तराखंड संस्कृति खासकर कुमाऊंनी संभ्यता संस्कृति हमर दिल में बसें। हम घर पन पहाड़ी (कुमाऊंनी) में बात करनू। पांच छह पीढ़ी बे नैनीताल में रूणे बाद नैनीतालक प्रेम हमर आत्मा दगड़ जुड़ी छू। म्यर व म्य परिवारेक इच्छा छू कि हम नैनीताल ऐबेर कारोबार करूं। जैले हमर वांक बेरोजगार लोगनकें काम मिल सको। कोरोना संक्रमण बीमारी थे हालात सामान्य हुण बाद मै नैनीताल जरूरू उंल था अपण दगड़ू थें मिलूल तथा पत्रकार वार्ता ले करूंल।
यह कहना है एशियाई फुटबॉल फेडरेशन टास्क फोर्स सदस्य बने सेवानिवृत कर्नल डा. गिरिजा शंकर डा.मुनगली का। उक्त सम्मान मिलने पर बुधवार को हिंदुस्तान संवाददाता ने डा.मुनगली से बातचीत की। उन्होंने कहा कि तल्लीताल कैंट के भवानी लॉज में निवास स्थान है। जबकि मूल भुरसयुं पातालदेवी अल्मोड़ा है। उनकी प्रारंभिक शिक्षा तत्कालीन गवर्नमेंट हाई स्कूल (गोरखा लाइन) यानी वर्तमान शहीद मेजर राजेश अधिकारी राजकीय इंटर कॉलेज और तत्कालीन देब सिंह बिष्ट महाविद्यालय यानी वर्तमान कुमाऊं विश्वविद्यालय के डीएसबी परिसर से हुई है। इसके बाद वह आईएमए में गए। एनडीए में बतौर कर्नल कार्य के दौरान 1998 में उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली। इस वाकये को शेयर करते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 1998 में ब्रह्मपुत्र में राफ्टिंग करते हुए एक भँवर में फँस कर उन्होंने मृत्यु को करीब से देखा। जिसके बाद से मेरा पूरा जीवन दर्शन बदल गया। एक निजी प्रतिष्ठान, वेंकटेश्वर हैचरीज, में कुछ समय काम करने के बाद अपना व्यवसाय शुरू कर दिया। उद्योग क्षेत्र से इसकी शुरूआत की।
डा.गिरिजा के भाई अधिवक्ता अनिल मुनगली ने बताया कि पांच भाईयों में वह दूसरे नम्बर के हैं। इनसे बड़े पेशे से चिकित्सक डा.निर्मल तथा इनके बाद गिरजा दा फिर मै हैं। मुझसे छोटे स्वाक्वाड्रन लीडर भानु हैं। सबसे छोटे भाई विनय व्यापार करते हैं। डा.गिरिजा पन्द्रह साल के व्यावसायिक कैरियर में लगभग दर्जन भर कम्पनियों के चेयरमैन हैं। संस्कृति स्कूल के नाम से उनके पुणे में चार आधुनिकतम स्कूल हैं। जिन्हें उनकी पत्नी यानी भाभी देवयानी संचालित करती हैं। 2009 में इसका उदघाटन एपीजे अब्दुल कलाम ने किया। महाराष्ट्र सरकार ने प्रदेश का दूसरा सर्वश्रेष्ठ निजी स्कूल माना है। स्कूल ‘ग्रीन’ स्कूल घोषित है।
अनिल मुनगली ने बताया कि भाभी देवयानी की योजना 2020 तक देश भर में 25 ऐसे स्कूल खोलने की है। भाई गिरिजा बैंग्लुरू हा‌ईवे में टाउनशिप डेवेलप कर रहे हैं, जिसमें 400 कॉटेजों के साथ कुछ हाईराइज इमारतें होंगी। उनके दोनों पुत्र प्रणीत व अनुज विदेश की नौकरियाँ छोड़ कर पिता के कारोबार में हाथ बंटा रहे हैं। बीस साल से भी कम समय में उनका यह उपलब्धि हासिल कर परिवार के लिए भी गौरव है। वे पुणे के कुमाऊँ भ्रातृ मंडल और गढ़वाल भ्रातृ मंडल के संरक्षक भी हैं।

डा.मुनगली को मिली सफलता पर खुशी

-डा.मुनगली को मिले सम्मान से क्षेत्र में खुशी की लहर है। लोग सोशल मीडिया तथा अन्य माध्यमों से इसका प्रचार कर रहे हैं। पद्मश्री अनूप साह का कहना है कि डा.मुनगली के व्यवहार के लिए उनके पास शब्द नहीं है। कुछ समय पूर्व वह पुणे में उनसे मिले थे। उनका सत्कार उनके लिए आजीवन अविस्मरणीय रहेगा। वरिष्ठ पत्रकार राजीव लोचन साह ने भी उनके साथ बिताए बचपन के दिन व आज भी उनके जस के तस व्यवहार की सराहना की। कुमाउनी शब्द श्रृंखला के लिए बीते दिनों उनका ऑनलाइन साक्षात्कार करने वाले हेमंत बिष्ट ने उनकी नियुक्ति पर प्रसन्नता जाहिर की है। उनके करीबी उत्तराखंड ग्वाल सेवा संगठन के संस्थापक अधिवक्ता पंकज कुलौरा ने कहा कि यह उत्तराखंड वासियों के लिए गौरव है। उनकी नियुक्ति पर सत्य साधक बृजेंद्र पांडे गुरुजी, प्रकाश कन्नौजिया, रमन कुमार, मनीष जोशी, आनंद कनवाल, कमल चिलवाल, राजीव शाह, अनिल मुनगली, दीपक बरगली, अखिल साह, रमाकांत पंत, ललित पंत, योगेश पंत, बच्ची सिंह कुलौरा, हरेंद्र पडियार अखिल भारती हिंदू महासभा के चंद्र प्रकाश श्रीवास्तव, ग्वाल सेवा फाउंडेशन के डायरेक्टर श्री हेमंत बोरा, बची सिंह बिष्ट, होटल एसोसिएशन नैनीताल के उपाध्यक्ष दिग्विजय सिंह सहित ग्वेलज्यू मंदिर समिति के सभी सदस्यों ने बधाई वह शुभकामनाएं प्रेषित की है।

राज्यपाल ने भेजा था शुभकामना संदेश
नैनीताल। कोरोना संक्रमण काल में डा.मुनगली ने जरूरतमंदों के लिए मदद का हाथ बढ़ाया। खासकर उत्तराखंड मूल के लोगों के लिए मदद की विशेष पहल की।गरीब, दुर्बल व असहाय बेरोजगार लोगों को खाने-पीने का सामान, संक्रमण से बचाव का सामान व अन्य राहत सामग्री वितरण की। जिसके चलते महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उन्हें शुभकामना संदेश व सम्मान पत्र भेजा था।