रिपोर्ट- कमल बिष्ट
नैनीताल- पर्यटन नगरी नैनीताल पर्यटक स्थल के साथ ही बर्ड वॉचिंग के लिए भी प्रसिद्ध होता जा रहा है यहां पक्षी एशिया से नही बल्कि विदेशों से भी हजारों मीलों की दूरी तय करके नैनीझील की शोभा बड़ा रहे है।
इन दिनों नैनीताल की नैनीझील में यूरोप से उड़ान भरकर यहां पहुंचा यूरोपियन कूट शनिवार को नैनीझील में तैरता हुआ नजर आया। जिसको नगर की फोटोग्राफर रत्ना साह ने अपने कैमरे में कैद किया।
रत्ना ने बताया कि यूरोपियन कूट मूलत: यूरोपीय पक्षी है यह पक्षी पहली बार नैनीताल दस हजार से बीस हजार किलोमीटर की दूरी तय करके यहां पहुंचा है यह आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और उत्तरी अफ्रीका के कुछ हिस्सों में पाया जाता है और इस पक्षी की लम्बाई लंबाई 40 सेंटीमीटर तक पहुंच जाती है वयस्कों में एक छोटी मोटी सफेद चोंच होती है माथे पर एक तरह का कवच होता है जिसके ऊपरी हिस्से में आंखों के बीच में लाल-भूरे रंग का धब्बा होता है कूट के पंजे पीले रंग के होते हैं नर और मादा के आकार लगभग समान होते हैं।
इसे यूरोपियन कूट आम कूट या आस्ट्रेलियाई कूट के नाम से भी जाना जाता है यह रेल और क्रेक बर्ड परिवार का एक सदस्य है।
इन दिनों प्रवासी पक्षी शहर की झीलों, नदियों, पक्षी प्रवास के लिए नैनीताल में पहुंच रहे है। यह पक्षी मुख्य रूप से समुद्री शैवाल और अन्य जलीय पौधों को खाते है ये पक्षी भोजन खोजने के लिए पानी के नीचे गोता लगाते हैं और जमीन के अंदर से भोजन प्राप्त कर सकते हैं क्योंकि वे सर्वाहारी हैं।
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कूट के आहार में आर्थ्रोपोड, मछली और अन्य जलीय जानवर शामिल हैं।
प्रजनन के मौसम के दौरान वे जलीय कीड़े और मोलस्क खाना पसंद करते हैं। दक्षिणपूर्वी राज्यों में खेल के लिए कूटों की शूटिंग की जाती है।
फोटो:- और विवरण फोटोग्राफर रत्ना साह।