राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर आज पीएम मोदी ने लोकसभा में चर्चा पर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि यहां कहा गया कि हमारी ऊंचाई को कोई तौल नहीं सकता। हम किसी की लकीर छोटी करने में यकीन नहीं करते, हम अपनी लकीर लंबी करने में जिंदगी खपा देते हैं। आपकी ऊंचाई आपको मुबारक हो, आप इतने ऊंचे चले गए कि आपको जमीन दिखनी बंद हो गई। जड़ों से उखड़ गए, जमीन पर जो हैं, वे आपको तुच्छ दिखते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि आज 25 जून है, 25 जून की वो रात जब देश की आत्मा को कुचल दिया गया था। भारत में लोकतंत्र सदियों से हमारी आत्मा है। किसी की सत्ता चली न जाए सिर्फ इसके लिए, उस आत्मा को कुचल दिया था। जो जो भी इस पाप के भागीदार थे, ये दाग कभी मिटने वाला नहीं है। इस दाग को बार-बार इसलिए स्मरण करने की जरूरत है ताकि फिर कोई ऐसा पाप न कर सके।
पीएम मोदी ने कहा कि हमें इसलिए कोसा जा रहा है कि हमने फलाने को जेल में क्यों नहीं डाला। ये इमरजेंसी नहीं है कि किसी को भी जेल में डाल दिया जाए, ये लोकतंत्र है। ये काम न्यायपालिका का है। किसी को जमानत मिलती है तो वो इंजॉय करे। हम बदले की भावना से काम नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी।