प्रशासन से संगीत तक

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रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- “जैता एक दिन त आलो दिन य दुनि में” हारमोनियम के साथ जनकवि गिरीश तिवारी”गिर्दा” के इस प्रसिद्ध लोकगीत को स्वर दे रहे है डी के शर्मा।
नैनीताल निवासी डी के शर्मा किसी परिचय के मोहताज नही है लगभग 35 वर्षो तक कुमाऊं मंडल विकास निगम में बतौर क्षेत्रीय प्रबंधक पर्यटन अपनी सेवाएं दे चुके शर्मा जी रिटायरमेंट के बाद अपनी उन हसरतों को उन सपनों को सच करने में जुटे है जिनका शौक उन्हें बचपन से था शौक उनका हुनर जो जिम्मेदारियों के बीच कहीं दब सी गई थी लेकिन कैसे अपनी हसरतों को अपने सपनों को किसी भी उम्र में पूरा किया जा सकता है ये कोई डी के शर्मा जी से सीखे।


डी के शर्मा जी को संगीत का शौक बचपन से था सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले शर्मा जी के घर का माहौल बेहद धार्मिक था।
इतिहास विषय से एम ए करने के बाद शर्मा जी ने डिप्लोमा इन टूरिज्म में भी डिग्री हासिल की क्योंकि संगीत से गहरा लगाव था तो लगातार रामलीलाओं में सीता के किरदार को जीवंत किया।
संगीत,नृत्य और रंगमंच के शौक ने उन्हें रंगमंच से जुड़ी प्रसिद्ध संस्था युगमंच से जोड़ दिया वही से जनकवि गिर्दा के साथ जीवन का पहला नाटक “अंधायुग” में अभिनय का मौका मिला शर्मा जी का दिल संगीत से जुड़ा था इसलिये वो NSD(नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा) जाना चाहते थे लेकिन 1979 में कुमाऊं मंडल विकास निगम में नियुक्ति हो गई यही से उनकी दिशा बदल गई। बतौर क्षेत्रीय प्रबंधक पर्यटन 3 बार प्रसिद्ध कैलाश मानसरोवर यात्रा व 9 बार आदि कैलाश की यात्रा कर चुके शर्मा जी को जीवन में वो सब कुछ मिला जो खुश रहने के लिये पर्याप्त था अच्छा खुशहाल परिवार,बड़िया नौकरी सब कुछ लेकिन एक हसरत अभी भी दिल के किसी कोने से बार-बार दस्तक देती थी वो था संगीत लिहाजा 2018 में रिटायरमेंट के बाद उन्होंने पूरा समय संगीत को समर्पित कर दिया।

प्रशासन से संगीत तक का उनका सफर उतार चढ़ावों से भरा रहा और आज वो युगमंच से भी जुड़े है और संगीत को अपनी भावनाओं में पिरोकर जब उनके स्वर निकलते है तो उनके चेहरे पर खुशी और संतोष के अपार भाव होते है।
कैसे कोई जिम्मेदारियों के बीच भी अपने सपनों में हकीकत का रंग भरता है ये कोई शर्मा जी से सीखें जिनका जीवन प्रेरणा है उन लोगों के लिये जो सपने तो देखते है जो ख्वाहिशें तो पालते है पर वक्त के आगे घुटने टेक देते है।
हम सलाम करते है शर्मा जी को उनकी खनकती आवाज को जो आज नैनीताल की धड़कन बन चुकी है।।।