बरसात में निखरी प्रकृति

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रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- हरी भरी वसुंधरा पे नीला-नीला ये गगन, कि जिस पे बादलों की पालकी उड़ा रहा पवन।
दिशायें देखो रंग भरी चमक रही उमंग भरी,
ये किसने फूल फूल पे किया सिंगार है।


ये कौन चित्रकार है ये कौन चित्रकार है……..
आजकल पहाड़ो की खूबसूरती इतनी निखर गई है कि बरबस ही मन गुनगुना उठता है बरसात के मौसम में नैनीताल और उसके आस पास वादियों में प्रकृति सोलह श्रृंगार कर निखर उठी है घाटियों से उठते बादल घुमावदार पहाड़ियों को मानो अपने आगोश में लेना चाहती हो हरी भरी पर्वत श्रृंखलाओं पर श्वेत बादलों की चादर उस पर बादलों के बीच से झाँकता सूरज प्रकृति के पल-पल बदलते रंग किसी कवि की कल्पना से भी परे ये दृश्य आजकल पहाड़ो की शोभा बड़ा रहे है।

इसी अद्भुत मौसम और प्रकृति के इन्ही रंगों को देखने के लिये हर वर्ष लाखो की संख्या में सैलानी यहाँ पहुँचते थे लेकिन इस बार कोरोना के कारण सैलानी इस मनोहारी दृश्य के दर्शन नही कर पाये।

आज त्रिशूल वाणी के माध्यम से हम आपको पहाड़ों के इस स्वर्ग सरीखे दृश्यों से रुबरु करा रहे है यकीन मानिये इस अद्वितीय सौंदर्य को आप अपलक निहारते रह जायेंगे और घर में रहकर भी यहाँ का सौंदर्य आपको तरोताजा कर देगा और प्रकृति की विविधता भी दिखायेगा।।।