बिगोनिया हब बने नैनीताल- फूलों से मिले नई पहचान

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रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- “मैंने कहा फूलों से हँसो तो वो खिल खिलाकर हँस दिये” माहौल को जीवंत करते फूल लाल,पीले,नारंगी,सफेद,गुलाबी अनगिनत रंग जो हँसते मुस्कुराते हुवे जीवटता का संदेश बांट रहे है।


फूलों से भरा घर आँगन और अनगिनत रंगों में खिले इन फूलों को देखकर आपको फूलों की घाटी याद आ रही होगी इतने सारे खिलखिलाते फूल किसी कवि की कल्पना का ये साकार रुप इन दिनों नैनीताल में देखने को मिल रहा है और फूलों की खुशबू से महकता ये घर आँगन है पद्मश्री अनूप साह जी का और खिलखिलाते ये फूल है बिगोनिया प्रजाति के।

यूं तो नैनीताल में बिगोनिया लाने का श्रेय हेम भट्ट जो पेशे से अधिवक्ता थे उनको जाता है जो 60 के दशक में इंग्लैंड से इसे यहाँ लाये।

चूंकि अनूप साह जी पर्यावरण प्रेमी है बिगोनिया की सुगंध इसकी सुंदरता ने इन्हें इतना प्रभावित किया कि इन्होंने अपने घर आँगन में ही पूरा गार्डन विकसित कर दिया आज उनके बगीचे में इसकी सैकड़ो प्रजातियां है यही नही वो लोगों को बिगोनिया लगाने के लिये प्रेरित भी करते है नतीजा आज बिगोनिया नैनीताल की पहचान बन गया है।

अनूप साह जी कहते है बिगोनिया का अभी व्यवसायिक उपयोग नही हो रहा है अगर युवा इसकी बारीकियां सीखें तो ये स्वरोजगार का एक बड़ा माध्यम बन सकता है।

अनूप साह जी से प्रेरणा लेकर यही के गोविंद सिराला ने भी अपने घर मे बिगोनिया गार्डन विकसित कर रखा है और वो युवाओं को भी इसे लगाने के लिये प्रेरित कर रहे है और जो सीखना भी चाह रहे है

उन्हें सीखा भी रहे है ताकि बड़े पैमाने पर नैनीताल में बिगोनिया पैदा हो क्योंकि नैनीताल की आबोहवा बिगोनिया के लिये बेहद अनुकूल है और इसकी जितनी प्रजातियां और रंग नैनीताल में है उतने कही नही।

इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि इसके बीजों से उगाये पौधों में नये-नये रंग खिलकर आते है जो गार्डन में इंद्रधनुषी छटा बिखेरते है।

पद्मश्री अनूप साह जी बताते है बिगोनिया की अच्छी पैदावार के लिये मिट्टी बनाना महत्वपूर्ण है बाँज के पत्तो व नारियल के झाड़ की खाद फूलों में जान डाल देती है और 15 जून के बाद जब बिगोनिया खिलता है तो सारे माहौल में ताजगी भर देता है 15 जून से अक्टूबर तक ये अपनी सुंदरता व सुगंध से पूरे वातावरण को सुगंधित करता है और देखने वाले बस इस दृश्य को आंखों में कैद कर लेना चाहते है।

यदि युवा इसे स्वरोजगार के रुप मे अपनाये तो वो दिन दूर नही जब नैनीताल बिगोनिया हब के रुप मे अपनी नई पहचान बनाये और ये शहर फूलों का शहर बन जाये।