बेजान जड़ो को पहचान देती कला

Spread the love

रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- लकड़ी की बेजान जड़ो में जान डालते ये है भुवन साह 66 वर्षीय भुवन साह के हाथों का जादू ऐसा है कि जब इनकी उंगलियाँ लकड़ी पर फिरती है तो सामने आती है बोलती हुई कला जो इन बेजान जड़ो को दे रही है पहचान।
भुवन साह पिछले 50 वर्षों से जड़ो में अपना जादू बिखेरने का काम कर रहे है 1970 से लगातार जंगल से बेकार जड़ो को एकत्र करते है इन जड़ो की लंबाई 10 फीट तक होती है जिसे घर लाकर भुवन साह देते है मनचाहा आकार इनके द्वारा बनाये शोपीसों की बहुत मांग है।

लेकिन उम्र के इस पढ़ाव में आकर भुवन साह को ये दर्द सालता रहता है कि उनके बाद ये कला गुमनाम ना हो जाये इस अनमोल धरोहर को वो युवा पीढ़ी को हस्तांतरित करना चाहते है।
आज सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है जिसमें भुवन जैसे कलाकारों को प्रमोट किया जाये और कैसे हुनर से रोजगार के द्वार खोले जायें अगर इस ओर जरा भी ध्यान दिया जाये तो राज्य में स्वरोजगार की दिशा में क्रांति लाई जा सकती है।