रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- बैसाखी 13 अप्रैल 1699 के दिन सिख धर्म के 10वें गुरू गुरु गोबिंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी और फसल पकने के प्रतीक के रूप में मनाई जाती है इस महीने खेतो में फसल पूरी तरह से पक कर तैयार हो जाती है और पकी हुई फसल को काटने की शुरुआत भी हो जाती है ऐसे में किसान फसल पकने की खुशी में बैसाखी का त्योहार मनाते हैं।
सरोवर नगरी नैनीताल में भी सिख समुदाय द्वारा कोविड के चलते इस वर्ष भी सादगी से बैसाखी पर्व मनाया गया।मल्लीताल स्थित गुरुद्वारे को एक दिन पूर्व ही फूल मालाओं से सजाया गया था तथा मंगलवार को बैसाखी के दिन सुबह से ही सिख समुदाय के लोगो सहित स्थानीय लोगो व पर्यटकों द्वारा गुरुद्वारे में मत्था टेका गया तथा देश दुनिया को कोविड से निजात के लिए अरदास की गई।
गुरुद्वारा सिंह सभा के सचिव अमरप्रीत सिंह ने बताया कि वैशाखी के पर्व में सुबह सबसे पहले कीर्तन दरबार व कवि दरबार का आयोजन किया गया देहरादून से पहुंचे भाई कुलदीप सिंह द्वारा कीर्तन दरबार के जरिए संगत को निहाल किया गया।
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हजूरी ग्रंथि परमजीत सिंह ने कथा का व्याख्यान जिसके बाद गुरु लंगर प्रसाद का वितरण किया गया।
इस दौरान अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उपाध्यक्ष नरेंद्र पाल जसवीर सिंह संदीप सिंह जगजीत सिंह तलवंत सिंह सत्येंद्र कौर जसवीर कौर आदि मौजूद रहे।