रिपोर्ट- राजू पाण्डे
नैनीताल— उत्तराखण्ड सहित देश के कई राज्यो में आज से शराब की दुकानें खोल दी गई है इसका शुरुर तो शायद शाम तक छायेगा लेकिन लॉकडाउन में सोशियल डिस्टेंसिंग की जो धज्जियां उड़ी है उसने पिछले 45 दिनों की मेहनत पर पानी फेर दिया बाजारों में मदिरा के चाहने वालो का वो हुजुम उमड़ा जिसने हरिवंशराय बच्चन की “मधुशाला” याद दिला दी।
मदिरा की चाह ने इंसान को किंकर्तव्यविमूद बना दिया। मदिरा के आगे “कोरोना” का ख़ौफ छू मंतर हो गया। क्या सरकार ने इतने दिनों तक लॉकडाउन का ढकोसला किया ये बात वो परिवार कह रहे है जिन पर ये मदिरा सितम ढायेगी।
बात अगर नैनीताल की करे तो यहां का नजारा ऐसा था मानो वर्षो की गुलामी के बाद लोग सड़को पर आजादी का जश्न मना रहे हों।
लोगों की भीड़ पर काबू करने के लिये पुलिस को भी काफी मशक्कत करनी पड़ी।
शराब की दुकान खुलने के बाद लोगों के चेहरों पर ऐसी चमक जैसे कोई जंग जीत ली हो लेकिन फिर से दुकान बंद न हो जाये इसके लिये लोगों ने पूरी पेटियां खरीद डाली नजारा देखकर ऐसा लग रहा था कि “कोरोना” तो शायद एक बार छोड़ दे पर नशे की गिरफ्त इंसान को निगल जायेगी।।।