रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- “फूलदेई छम्मा देई,जतुल देला उतुकै सही,दैणी द्वार,भर भकार” जी हां ये लोक पर्व है जो उत्तराखंड की संस्कृति परम्परा और उसके प्रकृति प्रेम को दर्शाता है।
देवभूमि की संस्कृति के पारंपरिक लोकपर्व 'फूलदेई' की सभी उत्तराखंड वासियों को हार्दिक शुभकामनाएं।
नव ऊर्जा, नव उल्लास का प्रतीक वसंत ऋतु का यह पावन पर्व सभी के जीवन में सुख, समृद्धि, उत्तम स्वास्थ्य लाए ऐसी कामना करता हूँ।
— Amit Shah (Modi Ka Parivar) (@AmitShah) March 14, 2021
चैत्र मास के पहले दिन मनाया जाने वाला लोकपर्व फूलदेई भी प्रकृति का आभार प्रकट करने वाला पर्व है जब बच्चे घर-घर जाकर फूल और चावल से धेली(मुख्य द्वार) की पूजा करते है और उस घर की खुशहाली की कामना करते है और उस घर से उन्हें गुड़ चावल दिया जाता है।
[banner caption_position=”bottom” theme=”default_style” height=”auto” width=”100_percent” group=”banner” count=”-1″ transition=”fade” timer=”4000″ auto_height=”0″ show_caption=”1″ show_cta_button=”1″ use_image_tag=”1″]
वक्त बदला,समाज बदला लेकिन ये परम्परा आज भी जीवंत है और न केवल जीवंत है बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर लोग इस पर्व को जानने लगे है।
आज देश के गृहमंत्री अमित साह व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उत्तराखंड वासियों को ट्वीट के जरिये लोकपर्व फूलदेई की बधाई व शुभकामनाएं दी।
उत्तराखंड के प्रमुख लोकपर्व "फूलदेई" की समस्त राज्यवासियों को शुभकामनाएं। वसंत ऋतु पर प्रकृति के उल्लास की प्रतीक फूलदेई सभी के जीवन में सुख, समृद्धि और आरोग्यता लाए।
— Jagat Prakash Nadda (Modi Ka Parivar) (@JPNadda) March 14, 2021
हमारा लोकपर्व धीरे-धीरे राष्ट्रीय फलक पर भी अपनी चमक बिखेर रहे है और ये हमारे लिये गौरव की बात है कि ऐसी परम्परा का हिस्सा है जहाँ सदियों से प्रकृति को सर्वोच्च स्थान दिया जाता है।