विरासत में मिली राजनीतिक जमीन को फिर सींचेगा बिष्ट परिवार

विरासत में मिली राजनीतिक जमीन को फिर सींचेगा बिष्ट परिवार

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रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर उत्तराखंड में सरगर्मी शुरु हो गई है इन चुनावों में जहाँ “आप” उत्तराखंड में अपना राजनीतिक भविष्य तलाश रही है वहीं सत्तारूढ़ बीजेपी व कांग्रेस तो हमेशा से आमने-सामने रहे है।
बात अगर भीमताल विधानसभा क्षेत्र की करें तो यहाँ पर वर्तमान में निर्दलीय विधायक राम सिंह कैड़ा है लेकिन अब भीमताल विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गोपाल सिंह बिष्ट चुनावी समर में उतरने का मन बना रहे है गोपाल सिंह विष्ट राजनीति में कोई नया नाम नही है इनके पिता स्वर्गीय डुंगर सिंह बिष्ट स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे साथ ही कांग्रेस के निष्ठावान नेता भी थे जिन्हें केंद्रीय मंत्री के रुप में भी जनसेवा का मौका मिला इनका गृह क्षेत्र भी धारी(भीमताल) रहा।
गोपाल सिंह बिष्ट को राजनीति विरासत में मिली है जिसे अब वो फिर से सींचने जा रहे है वो पिछले करीब 30 वर्षो से प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से जनता के बीच सक्रिय रहे है।


गोपाल सिंह बिष्ट ने विधायक राम सिंह कैड़ा पर बीजेपी का एसोसिएट प्रवक्ता होने का आरोप लगाया उन्होंने कहा 2017 में मोदी लहर के बावजूद क्षेत्र की जनता ने निर्दलीय कैड़ा को प्रतिनिधि चुना क्योंकि उन्होंने शराब बंदी का नारा दिया था जो कि मात्र छलावा निकला और शराब बंदी की जगह भीमताल में शराब की फैक्ट्री खुल गई उन्होंने कहा कैड़ा ने जनहित का कोई भी काम नही किया उन्होंने कहा पूर्व की कांग्रेस सरकार ने ओखलकांडा में उप तहसील बनवाई लेकिन स्थानीय विधायक अपने प्रयासों से वहाँ तहसीलदार की तैनाती भी नही करा पाये।
गोपाल बिष्ट ने कहा इन चुनावों में क्षेत्र का युवा महिलाएं कैड़ा को उनके छल का जवाब देगी।
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गोपाल बिष्ट का कहना है कि अगर कांग्रेस पार्टी उन्हें टिकट देती है तो वो न केवल चुनाव लड़ेंगे बल्कि जीतेंगे भी और अगर टिकट किसी और को मिलता है तो वो उसका समर्थन करेंगे।
गोपाल सिंह बिष्ट भीमताल क्षेत्र के लिये चिर परिचित चेहरा है अगर कांग्रेस पार्टी उन पर दांव खेलती है तो इतना तय है कि टक्कर कांटे की होगी क्योंकि उनके परिवार का सुनहरा राजनीतिक इतिहास रहा है जिसका वर्तमान भी बड़े बड़ो को टक्कर देने को तैयार है।।।

उत्तराखंड