रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- लॉकडाउन के दौरान राज्य सरकार द्वारा बड़ा दिल दिखाते हुवे शराब कारोबारियों का करीब 197 करोड़ के शुल्क को माफ किये जाने का मामला नैनीताल हाईकोर्ट तक पहुँच गया है मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुवे कोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है साथ ही कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि बताये आखिर ऐसी क्या मजबूरी थी कि शराब कारोबारियों को टैक्स में राहत दी गई ऐसे तमाम बिंदुओं पर विस्तृत जवाब दाखिल करने के लिये 3 सप्ताह का समय भी कोर्ट ने दिया है।
गौरतलब है कि पत्रकार उमेश कुमार शर्मा की तरफ से नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा गया कि लॉकडाउन के दौरान राज्य सरकार ने शराब कारोबारियों का करीब 197 करोड़ का शुल्क माफ कर दिया जबकि दूसरी तरफ सरकार पैसों की कमी का हवाला देकर सरकारी कर्मचारियों के भत्तों में 30 फीसदी की कटौती कर रही है जो कि गलत है इतना ही नही याचिका में ये भी कहा गया है कि राज्य में जितने भी ट्रक व्यवसायी है उनका भी टैक्स माफ नही किया और अभी भी ट्रक खड़े है मगर उनसे लगातार वसूली की जा रही है याचिका में सरकार पर सौतेला व्यवहार करने का भी आरोप लगाया गया है।
उक्त याचिका पर आज सुनवाई करते हुवे हाईकोर्ट ने सरकार से पूरे मामले में जवाब मांगा है और पूछा है कि बताये आखिर किन परिस्तिथियों में शराब कारोबारियों को टैक्स में राहत दी है इन्ही तमाम बिंदुओं पर विस्तृत जवाब हेतु 4 सप्ताह का समय दिया है।।।