सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका खारिज- सरकार को बड़ी राहत

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रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- चारधाम देवस्थानम बोर्ड अधिनियम मामले में दायर याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुवे याचिका को खारिज कर दिया है और साफ किया है कि चारधाम सहित अन्य 51 मंदिर पूरी तरह से सार्वजनिक है ना कि व्यक्ति विशेष के लिहाजा याचिकाकर्ता सुब्रमण्यम स्वामी ने कोई भी ऐसा साक्ष्य कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत नही किया है जिसमे जिक्र हो कि किस धार्मिक संस्था ने मंदिरों को बनाया है लिहाजा मामले में दायर याचिका को खारिज कर राज्य सरकार को बड़ी राहत दी है।


करीब 130 पन्नो के निर्णय में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुवे कहा कि एक्ट में व्यवस्था की गई है केवल सनातन धर्म को मानने वाले अनुयायी ही उसका प्रबंधन करेंगे इसलिये सरकार द्वारा जारी अधिनयम किसी भी तरह की धार्मिक स्वतंत्रता को ठेस नही पहुँचा रहा है अपने आदेश में कोर्ट ने ये भी साफ कर दिया है कि मंदिरों का स्वामित्व मंदिरों के ही पास रहेगा राज्य सरकार केवल मंदिरों का मैनेजमेंट करेगी।

कुल मिलाकर देखे तो हाईकोर्ट ने पूरे मामले पर राज्य सरकार के पक्ष में फैसला सुनाते हुवे साफ कर दिया है कि चारधाम मंदिर सनातन धर्म से जुड़े लोगों का है ना कि व्यक्ति विशेष का और ये भी कहा है कि एक्ट में किसी भी तरह से धार्मिक भावनाओ का कोई उल्लंघन नही हुआ है।
आपको बता दे कि चारधाम देवस्थानम बोर्ड को बीजेपी के सांसद व वरिष्ठ अधिवक्ता सुब्रमण्यम स्वामी की तरफ असंवैधानिक करार देते हुवे खारिज करने की मांग को लेकर एक जनहित याचिका नैनीताल हाईकोर्ट में दायर की थी जिस पर लंबी सुनवाई के बाद बीते 6 जुलाई को कोर्ट ने अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था जिस पर आज कोर्ट ने अपना फैसला देते हुवे याचिका को खारिज कर दिया है।