सड़क निर्माण में बढ़ते भ्रष्टाचार को दर्शाती कुमाऊँनी फिल्म “सड़क”- 17 दिसम्बर को बगड़ राजकीय इण्टर कॉलेज में प्रीमियर- दानिश शास्त्री के निर्देशन में बनी फिल्म में स्थानीय कलाकारों की उम्दा अदाकारी करेगी जिम्मेदारों पर व्यंग्यात्मक प्रहार

सड़क निर्माण में बढ़ते भ्रष्टाचार को दर्शाती कुमाऊँनी फिल्म “सड़क”- 17 दिसम्बर को बगड़ राजकीय इण्टर कॉलेज में प्रीमियर- दानिश शास्त्री के निर्देशन में बनी फिल्म में स्थानीय कलाकारों की उम्दा अदाकारी करेगी जिम्मेदारों पर व्यंग्यात्मक प्रहार

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रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- ” वादों का डामर है,बातों की सड़कें,गढ्ढे कल्पनाओं से भरता हूं” किसी कवि का शब्दों में छलकता ये दर्द सड़क निर्माण में बढ़ते भ्रष्टाचार को दर्शाता है।
सड़क निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल और बढ़ता भ्रष्टाचार उत्तराखंड के अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों के लिये एक गंभीर समस्या है। इसी समस्या को नैनीताल से सटे गांव बगड़ व नैनीताल के कलाकारों ने कुमाऊँनी फिल्म के जरिये “सड़क” की समस्या को उजागर किया है।
दानिश शास्त्री के निर्देशन में बनी फिल्म में स्कूली छात्रों के साँथ ही स्थानीय कलाकार अभिनय करते नजर आयेंगे।
फिल्म में अपनी उम्दा अदाकारी के जरिये कलाकार जिम्मेदारों पर व्यंग्यात्मक प्रहार से अपनी बात रखेंगे।
कुमाऊँनी में बनी इस फिल्म में भावुकता,हास्य,व्यंग्य सब भाव नजर आयेंगे कि किस तरह इन क्षेत्रों में सड़कें तो बनती हैं,डामर भी होता है पर चंद महीनों में हाल ऐसे हो जाते हैं कि मैग्नीफाइंग ग्लास से ढूढने पर भी डामर नहीं मिलता।
उत्तराखंड में हो रहे अधिकांश हादसों में बदहाल सड़कें जिम्मेदार होती है।
फिल्म के कलाकार पवन कुमार ने बताया कि सड़क से जुड़ी तमाम समस्याओं व भ्रष्टाचार पर फिल्म “सड़क” प्रहार करेगी जिसका प्रीमियर 17 दिसम्बर को बगड़ इंटर कॉलेज में होगा।
पवन कुमार ने कहा फिलहाल रिलीज होने पहले फिल्म का प्रीमियर रखा गया है जिसमें कई दिग्गज कलाकार व स्थानीय जनता शिरकत करेगी।
” कितनी आंखों के ख्वाब लिये चलती हैं सड़कें, न जाने कितनी आंखें,इनसे मुंह फेर बैठी है”।
हमारे यहाँ भी जिम्मेदारों ने इस बदहाली से मुंह फेर लिया है देखना होगा फिल्म “सड़क” इन जिम्मेदारों की नजरें इनायत इस ओर कर पाती है या नहीं??

उत्तराखंड