हिमालय की रक्षा करना हर नागरिक का कर्तव्य

हिमालय की रक्षा करना हर नागरिक का कर्तव्य

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रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- अपने करीब 36 साल के शैक्षणिक अनुभव व लेखनी के जरिये बच्चों व समाज को शिक्षा देने वाले प्रोफेसर गिरधर सिंह नेगी ने हिमालय में लगातार बढ़ रही हलचलों को लेकर बड़ी चिंता जाहिर करते हुवे नागरिकों से हिमालय की रक्षा करने का आह्वान किया है अपने लंबे शैक्षणिक सफर में कई बच्चों का भविष्य बनाने व समाज को जागरूक करने के लिये अभी तक सैकड़ो पुस्तकों के जरिये ज्ञान बांटने वाले प्रोफेसर गिरधर सिंह नेगी ने वर्ष 2006 में हिमालय की रक्षा को लेकर नीती-माणा में पैदल यात्रा करी और हिमालय में हो रहे विकास कार्यो को जाना और अपने अनुभवों को “भारत-तिब्बत सीमा से” नीती-माणा: कल और आज पर एक पुस्तक लिखी जिसमें उनके द्वारा उल्लेख किया गया था कि इस जगह पर एक दिन बड़ी त्रासदी होगी और नेगी की बात आज पूरी तरह से सच साबित हुई और बीते दिनों उत्तराखंड के चमोली में बड़ी आपदा आई जिसने बड़ी तबाही मचाई और लोगों के जहन में वर्ष 2013 केदारनाथ में आई भीषण आपदा के जख्म हरे हो गये।

कुमाऊं विश्व विद्यालय के डीएसबी परिसर के इतिहास विभाग में वरिष्ठ प्राध्यापक के पद पर तैनात प्रोफेसर गिरधर सिंह नेगी ने आज नैनीताल में पत्रकारों से संवाद कर बताया कि हिमालय सहित समूचे पहाड़ो का विकास होना चाहिये मगर विकास के नाम पर जल,जंगल व जमीन खत्म ना हो क्योंकि हिमालय की आत्मा नदियों में बसती है इसलिये नदियां नही तो सदियां नही।
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प्रोफेसर नेगी ने कहा कि आज हिमालय में बड़ी हलचल है और नदियों में बौखलाहट है इसलिये पूरे हिमालयी क्षेत्र का बृहद रुप से शोध होना चाहिये उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि केवल सरकार या विश्व विद्यालयों की ही जिम्मेदारी नही है बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है कि वो हिमालय के प्रति संवेदनशील हो।

उत्तराखंड