रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- बहुमूल्य सरकारी जमीनों को खुर्दबुर्द कर ओनेपोने दामों में बेचने के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुवे भूमाफियाओं को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुवे कोर्ट ने कहा कि कैसे कोई सरकारी भूमि को खुर्दबुर्द कर ऐसे बेच सकता है पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार व जिला प्रशासन उधमसिंह नगर को नोटिस जारी पूरे मामले की जांच रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश करने को कहा था जिसके अनुपालन में आज सरकार ने अपनी रिपोर्ट के साथ विस्तृत जवाब दाखिल किया और कहा गया कि सरकारी लीज की जमीन पर बंदरबाट की गई है और कार्यवाही में 12 गांवों में फैली सरकारी जमीन की खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी है जिस पर सुनवाई करते हुवे कोर्ट ने आज मामले ने पक्षकार सभी बिल्डरों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
गौरतलब है कि 1920 में बाजपुर के लाला खुशीराम दौसाव को करीब 4800 हेक्टेयर जमीन लीज पर दी गई थी जिसकी 2003 में लीज की समयावधि पूरी हो गई है तब से ना तो लीज ही बड़ी और ना ही पट्टा दिया गया और ना ही सरकार को जमीन वापस की बल्कि जमीन की श्रेणी को बदलकर बिल्डरों द्वारा 10 हजार लोगों को बेचा भी गया है इसी पूरे मामले को लेकर काशीपुर निवासी शेर सिंह द्वारा नैनीताल हाईकोर्ट मे एक जनहित याचिका दायर कर पूरे मामले की जांच कराने की मांग की थी और कहा था कि बहुमूल्य सरकारी जमीन को इस तरह से बर्बाद किया जा रहा है जो कि गलत है लिहाजा इसमे सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिये जिस पर पूर्व में सुनवाई करते हुवे कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा था जिस पर आज सरकार ने अपनी रिपोर्ट के साथ ही विस्तृत जवाब दाखिल किया है और मामले में पक्षकार बिल्डरों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।