रिपोर्ट- नैनीताल
नैनीताल- ब्रह्म कमल जिसे हिमालयी फूलों का सम्राट भी कहा जाता है आमतौर पर ये पुष्प 3500 से 4500 मीटर की ऊंचाई पर खिलता है लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि उच्च हिमालयी क्षेत्र में पाये जाने वाले ब्रह्म कमल पुष्प से इन दिनों कोटाबाग महक रहा है।
मौसम चक्र परिवर्तन के चलते इस वर्ष ये मई माह में ही खिल गया।
कोटाबाग के आंवलाकोट में रहने वाली शिक्षिका लीला फुलारा के घर पर खिला ब्रह्म कमल कौतूहल का विषय बना है।
हालाकि बहुत कम लोग इसके धार्मिक व औषधीय महत्व को जानते है लेकिन जो इसके महत्व को जानते है वो इसे शिक्षिका लीला का सराहनीय प्रयास मानते है।
भारत में ब्रह्म कमल की 61 प्रजातियां पाई जाती है जिसमें से करीब 58 प्रजातियां हिमालयी क्षेत्रों में पाई जाती है ये उत्तराखंड,हिमांचल,कश्मीर, अरुणांचल प्रदेश आदि राज्यों में पाया जाता है।
ब्रह्म कमल उत्तराखंड का राज्य पुष्प भी है ऐसी मान्यता है कि यह विष्णु भगवान का प्रिय पुष्प है और माँ नंदा देवी को भी यह पुष्प बेहद प्रिय है उत्तराखंड में ब्रह्म कमल के साथ कई धार्मिक किवदंतियां भी जुड़ी है जो इसके धार्मिक महत्व को बयां करती है।
औषधीय गुणों से भरपूर ब्रह्म कमल से निकले पानी से थकान मिटती है पवित्रता व शुभता का प्रतीक माने जाने वाला ब्रह्म कमल तीव्र सुगंध से भरा होता है और जहाँ भी ये खिलता है पूरा वातावरण सुगंधित हो जाता है।
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ब्रह्म कमल के कोटाबाग में खिलने पर प्रोफेसर ललित तिवारी का कहना है कि ये उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता है और कोटाबाग में इसका खिलना जितना आश्चर्यजनक है उतना ही सराहनीय भी और इसके लिये शिक्षिका लीला का प्रयास सराहनीय है।।।।